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लेखनी कहानी -11-Jan-2022 एक लड़की भीगी भागी सी

एक लड़की भीगी भागी सी

मेधा को आफिस जाना था इसलिए वह जल्दी जल्दी काम निबटाने में मशगूल थीं । सावन का महीना लगभग आधा बीत चुका था । लेकिन बरसात होने का नाम ही नहीं ले रही थी । रोज रोज बादल घुमडते थे , गरजते भी थे लेकिन बरसते नहीं थे । बादल भी पता नहीं ऐसी बीवी की तरह हो गये थे जो शाम को सज संवर कर तैयार तो होती है । दो चार तीर नजरों से भी छोड़ देती है । होंठों की मादकता को हल्के से छुआ भर देती है लेकिन रात में पलंग पर सोशल डिस्टेंसिंग का सबक सिखा कर बीच में तकिया रखकर चैन की नींद सो जाती है और बेचारा मर्द रात रात भर‌ कोरोना के मरीज की तरह बुखार से तपता रहता है । सुबह की हल्की हल्की ठंड उसे कुछ आराम देती है और तब जाकर कहीं उसकी आंख लग पाती है । इतने में श्रीमती जी की आंख खुल जाती है और मॉर्निंग वाक के लिए उसे जगा देती है । बेचारा मर्द । जोरू के गुलाम की तरह चकरघिन्नी की तरह से घूमता रहता है अपनी धुरी पर लेकिन मजाल है कि वो उस पर जरा सा भी रहम करे । इतनी बेदर्द कैसे हो सकतीं हैं ये पत्नियां ? 

आज भी घटाएं छाईं हुईं थीं । अंधेरा हो गया था । मेधा ने अपना लंच बॉक्स तैयार किया और सावन के महीने के अनुसार लहरिया वाला सूट पहन लिया । वास्तव में वह लहरिया सूट उस पर बहुत फब रहा था । शुक्र है कि इन दिनों "सर जी" ने "ओड ईवन" फार्मूला लागू नहीं कर रखा था इसलिए कार ले जाने में उसे कोई परेशानी नहीं हुई अन्यथा पब्लिक यातायात से तो दो घंटे लग जाते । 

आफिस पहुंच कर वह अपने काम में लग गई । उसकी कुलीग्स उसके लहरिया में खिले खिले रूप से जल भुन रहीं थीं । एक कहने लगी " कपड़े पहनने की भी तमीज होनी चाहिए। आफिस में ऐसे वाहियात किस्म के कपड़े पता नहीं कैसे पहन कर आ जाते हैं कुछ लोग"? 

मेधा ने ये बात सुन ली थी और उसे पता चल गया था कि जलन बहुत गहरे तक हो रही है । हालांकि उसका मन तो कर रहा था कि पर्स में रखी बरनोल निकाल कर उसे दे दे लेकिन उसने कहा कि देखते हैं धुंआ और कहां कहां से उठता है । 

लंच हो गया था । सब लोग अपने अपने लंच बॉक्स लेकर कामन रूम में आ गए थे । लंच करने लगे । इतने में बारिश शुरू हो गई । खिड़कियों के पारदर्शी शीशों से बारिश साफ दिखाई दे रही थी । मेधा का मन मयूर नाच उठा । हवा भी बहुत तेज चल रही थी । बारिश की बौछारें अंदर हाल तक आ रहीं थीं । एक तेज झोंका आया साथ में बारिश की बूंदें भी साथ लाया । मेधा आधी भीग गई । उसे जैसे नया सा जीवन मिल गया। तन मन में उमंग जाग गई । उसके मन में जैसे सैकड़ों मोर नाचने लगे । वह अपना लंच जल्दी से खत्म करके बरामदे में आकर बारिश का आनंद लेने लगी । 

वह प्राकृतिक वातावरण का आनंद ले ही रही थी कि इतने में एक शानदार झोंका फिर से आया और उसने मेधा को पूरा भिगो दिया । मेधा की तो जैसे बांछें खिल गई थी ।अब उसका मन कर रहा था कि बारिश की बूंदों के बीच जाकर खड़ी हो जाये और भीगती रहे, भीगती रहे । इतनी भीगे कि बारिश में उसका तन मन सब सराबोर हो जाये । पहले तो वह हिचकिचाई कि लोग क्या कहेंगे ? फिर उसने मन ही मन कहा " लोगों की ऐसी की तैसी " । बस उसने आव देखा ना ताव और चल दी बारिश में नहाने । 

सब लोग उसे देखते ही रह गए। वह भीग रही थी । दोनों हाथ फैलाए जैसे सारे आनंद को अपने अंदर समेट रही हो  और मन ही मन गाना गा रही थी 
" छई छप छई । छपाक छई । 
पानियों के छींटें उड़ाती हुई लड़की
आती जाती लहरों पे चलती हुई लड़की"

बस फिर क्या था । एक एक कर और लोग भी बारिश में भीगने का आनंद लेने लगे । बॉस भी यह नजारा देख रहे थे । उन्हें भी बड़ा अच्छा लग रहा था । बॉस ने फटाफट एक डेक मंगवाया और तेज आवाज में चालू कर दिया । खुद भी बारिश में भीगकर "रेन डांस" करने लगे । सब लोग बॉस के साथ साथ रीमिक्स गानों की धुन पर खूब डांस कर रहे थे । जब यो यो हनी सिंह और बादशाह के गाने बजने लगे तो सीनीयर लोगों के पैर भी थिरकने लगे । समां बंध गया था । दो घंटे जमकर पानी पड़ा । मेधा ने पूरे टाइम डांस किया । उसका पोर पोर नैसर्गिक आनंद में डूबा हुआ था ।अब सब लोग उसे मस्ती के आलम में देखकर गाने लगे 
" इक लड़की भीगी भागी सी
सोती रातों को जागी सी ।
मिली एक अजनबी से 
कोई आगे ना पीछे 
तुम ही कहो ये कोई  बात है " 

बारिश बंद हो चुकी थी । बॉस दिलदार थे । उन्होंने गर्मा गर्म पिज्जा, बर्गर , पकौड़े और जलेबियों का आर्डर कर दिया था । सबने मन माफिक लिया और फिर छुट्टी हो गई । मेधा  ही क्या सभी लोग गीले कपड़ों में ही अपने अपने घरों को गए । आज सीजन की पहली बरसात का पहला आनंद शायद पहली बार लिया था अधिकांश लोगों ने । आपने भी लिया क्या ऐसा आनंद ? 


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9 Comments

kashish

03-Feb-2023 02:05 PM

very nice

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Arman Ansari

16-Jan-2022 09:36 AM

जब ये नज़रो देखो तो कितना आनंद आता है मन को कोई रुक ही नही सकता जब

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Hari Shanker Goyal "Hari"

16-Jan-2022 12:39 PM

धन्यवाद जी

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Seema Priyadarshini sahay

11-Jan-2022 06:23 PM

बहुत ही अच्छी कहानी

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Hari Shanker Goyal "Hari"

11-Jan-2022 08:00 PM

आभार आपका मैम

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